Thursday, June 4, 2009

कुछ व्यंग्य - " नया टी वी"

पूरी दिन की थकावट से चूर जब मैं दफ्तर से घर वापस आया


मैंने अपनी आखों के सामने एक नया टी वी सेट पाया


आंटी बोली "ये तो आपके लिए हमने किया बहुत थोड़ा है "


"चिंता मत कीजिये , इसका भाड़ा कमरे के किराए में नहीं जोड़ा है "


मैंने कहा आंटी ऐसे ही रहे मेरे सर पर आपका आशीर्वाद


टी वी और ऐसी ही आगे की सहूलियतों के लिए पहले से धन्यवाद !


आंटी के जाते ही हमने पैर पसारे और बड़े उत्साह से टी वी चलाया


चलाते ही छरहरे बदन वाला एक प्रौढ़ व्यक्ति चिल्लाया


" जाग जाओ, चैन की नींद सोना है तो जाग जाओ !"



वो दे रहा था किसी अपराधी का विवरण


जिसने किया था पैसों के लिए किसी का अपहरण


उस छरहरे व्यक्ति की आवाज़ और आव-भाव देख मैं घबराया


अपराधी से कहीं अधिक खतरनाक मैंने उसे पाया


मैंने कहा ऐसे प्रोग्राम देखने से अच्छा तो जाना नर्क है


भाई, जागरूकता और दहशत फैलाने में भी आख़िर फर्क है


ऐसी बकवास सुनने से अच्छा तो टी वी करना बंद है


पर दिल बोला ठहरो! छरहरा बदन होते हुए भी, बन्दे की आवाज़ तो बुलंद है !


आधे घंटे तक प्रोग्राम देखने के बाद जब मैं सो पाया


सारी रात भर डरावने सपनों में ख़ुद को चोरों से घिरा हुआ पाया


सुबह जब आँख खुली और मैंने टी वी चलाया


बंद डब्बे को देख कर पता लगा किसी ने टी वी का केबल है हटाया


मैंने कहा आंटी जी, केबल का पैसा क्या आपने नहीं है भरवाया


आंटी बोलीं, लगता है बेटा केबल तो किसी चोर ने है चुराया


सुनते ही मेरा दिल घबराया


उस छरहरे व्यक्ति का चेहरा दुबारा आखों के सामने आया


मैं तो चैन की नींद से जाग चुका था !!!


उन डरावने सपनों से दूर भाग चुका था !!!



दिल ने कहा चलो इस छरहरे व्यक्ति से तो मिला छुटकारा


"मैं नया केबल लगवा दूँगी" आंटी ने प्यार से पुचकारा


उस दिन दफ्तर से लौट कर मैंने टी वी सही सलामत पाया


ईश्वर का नाम लेते हुए उसे फ़िर से चलाया


चलाते ही छरहरे बदन वाला व्यक्ति फ़िर मचा रहा था शोर


"रात को रोहतक की सड़कों पे घूम रहा है केबल चोर"


दिखा रहा था वो कोई स्पेशल रिपोर्ट


अपने घर की फोटो और आंटी का इंटरव्यू देख लगी दिल पे गहरी चोट


मन ने कहा काश आज रविवार होता


भारत भर के न्यूज़ चैनलों की स्पेशल रिपोर्ट में आंटी के साइड में मैं भी खड़ा होता


यही सोच कर दिल हंसा मंद-मंद


चोर की वजह से ही सही, टी वी पे आना किसे नहीं पसंद !